चाँद भी सो गया रात के आगोश में, ऊजाला लेने लगा उबासियां, चाँद भी सो गया रात के आगोश में, ऊजाला लेने लगा उबासियां,
नए दौर के इस हालात में, मैं पुराने ख़यालात ढूंढ रही हूं। नए दौर के इस हालात में, मैं पुराने ख़यालात ढूंढ रही हूं।
सिर्फ मतलबों के रिश्तेदार बनाये हमने हर बार अपनों ने ही नीचा दिखाया हम को। सिर्फ मतलबों के रिश्तेदार बनाये हमने हर बार अपनों ने ही नीचा दिखाया हम को।
'ये दौर' ऐसी कविता है जो हमे अपने अंदर झाँकने पर मजबूर करती है 'ये दौर' ऐसी कविता है जो हमे अपने अंदर झाँकने पर मजबूर करती है
बस तुझे ही चाहा और तेरे ही नाम हुई मैं। बस तुझे ही चाहा और तेरे ही नाम हुई मैं।
हमारे खट्टे-मीठे लम्हों को अपने, सीने से लपेटे रहती है, एल्बम हमारे खट्टे-मीठे लम्हों को अपने, सीने से लपेटे रहती है, एल्बम